Nature of Tourism Geography in Hindi (पर्यटन भूगोल की प्रकृति)
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Nature of Tourism Geography (पर्यटन भूगोल की प्रकृति)
Nature of Tourism Geography - 'पर्यटन भूगोल' मानव भूगोल की एक मुख्य शाखा है। जिसमें पृथ्वी की सतह पर प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक विविधताओं का अवलोकन सही क्रमबद्ध तथा वैज्ञानिक विधि से ज्ञान वर्धन, वातावरण परिवर्तन, आमोद-प्रमोद एवं स्वास्थ्य लाभ प्राप्त आदि तथ्यों का अध्ययन किया जाता है।
वर्तमान में पर्यटन भूगोल (Tourism Geography) भौतिक विज्ञानों (Physical Sciences) तथा सामाजिक विज्ञान (Social Sciences) दोनों का समावेश है। पर्यटन भूगोल में भौतिक वातावरण (Physical Environment) तथा सांस्कृतिक वातावरण (Cultural Environment) के तत्त्वों का, उनकी शक्तियों, क्रियाओं तथा प्रभावों का अध्ययन करते हैं। पर्यटन भूगोल दूरियों को कम करने का काम करता है तथा पयर्टन भूगोल की प्रकृति मानवीय ज्ञान की अभिवृद्धि करती है।
'पर्यटन भूगोल' मानव भूगोल की प्राचीनतम शाखा है इसका बोध भूगोलवेत्ताओं को अब हुआ है। दुनिया की अनेक विभिन्नताओं का अध्ययन हम इस भूगोल के माध्यम से करते हैं। इन्हीं विभिन्नताओं का आनन्द लेने के लिए मानव घर से बाहर जाता है। वर्तमान में पर्यटन ने एक उद्योग का रूप ले लिया है।
यह पर्यटन भूगोल का व्यवहारिक पक्ष है जो युवा वर्ग के सपनों को साकार करता है। पर्यटन उद्योग विश्व में बहुत तीव्रगति से बढ़ रहा है तथा पर्यटन प्रबन्धन में लोगों की अभिरुचि बढ़ रही है।'पर्यटन भूगोल' की प्रकृति दार्शनिक तथा प्रत्यक्षवादी है जो प्रादेशिक (Regional) एवं क्रमबद्ध (Systematic) भूगोलों में समाहित है।
पर्यटन की संकल्पना (Concept of Tourism)
'पर्यटन' (Tourism) शब्द अंग्रेजी भाषा के Tour से सम्बन्धित है जो लैटिन भाषा के Tornos शब्द से लिया गया है। इसका शाब्दिक अर्थ एक पहिएनुमा औजार से है। इसी Tornos शब्द से यात्रा चक्र या यात्रा शब्दों का सृजन हुआ है जो वर्तमान में पर्यटन का मुख्य आधार है।
इस शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम सन् 1643 में करीबन (Kariban) ने विभिन्न क्षेत्रों की यात्रा, मनोरंजन, भ्रमण तथा विभिन्न देशों या स्थानों की यात्रा के लिए किया था, लेकिन कुछ विद्वानों का मानना है कि Tour एक हिब्रु (Hebrew) भाषा के Torah शब्द से लिया गया है।
इसका शाब्दिक अर्थ है अध्ययन या खोज। अतः Tour किसी मात्रा अथवा खोज से सम्बन्धित है। कुछ समय पश्चात् यूरोपीय यात्रियों ने Travellers को Taking व Tour से सम्बन्धित किया है जो वर्तमान में Tourist और Tourism शब्दों में परिवर्तित हो गया। फ्रेंच साहित्य में पर्यटन के लिए ग्राण्ड टुअर (Grand Tour) शब्द प्रयोग में लिए जाता है। इसकी उत्पत्ति Tour शब्द से ही हुई है। जर्मनी, स्विटजरलैण्ड व इटली में भी पर्यटन की उत्पत्ति के सम्बन्ध में इसी प्रकार की मान्यता है।
सन् 1800 में सेमुयल पेगी (Samuel Pagge) ने यात्री (Traveller) के लिए प्रथम बार पर्यटक (Tourist) शब्द का प्रयोग किया था। वर्तमान में पर्यटन शब्द का प्रयोग एक स्थान से दूसरे स्थान को जाने वाले पर्यटकों के लिए किया है अतः आज पर्यटन शब्द घूमने-फिरने की क्रियाओं को व्यक्त करता है।
संस्कृत शब्दकोश के अनुसार - पर्यटन 'शब्द' 'अट्' धातु पूर्ण क + परि उपसर्ग के प्रत्यय लगाकर व्युत्पन्न हुआ है। इस शब्द का अर्थ है भ्रमण। अर्थात् चहुँदिशि घमना. परन्त संत में पर्यटन शब्द को तीन अर्थों में प्रयुक्त किया गया है -
- भ्रमण - ज्ञान प्राप्ति, मनोरंजन प्राप्ति हेतु बाहर जाना।
- देशाटन - धनोपार्जन व आर्थिक लाभ के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करना।
- तीर्थाटन - धार्मिक कृत्यों व धार्मिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए यात्राएँ करना। प्राचीन भारतीय संस्कृत ग्रन्थों के आधार पर पर्यटन का अभिप्राय आर्थिक, धार्मिक, शिक्षा-प्राप्ति, आमोद-प्रमोद, मनोरंजन आदि से सम्बन्धित क्रिया के लिए घर से बाहर की यात्रा करना है।
Source : Rajeev Bansal's (SEPD)